RISE FOR INDIA
Editor's Pick Education News Rising Stories Society

अंग्रेजी स्कुलों को छोड सरकारी स्कुलों में आ रहे छात्र

चंद्रपुर की शिक्षा में नये नये प्रयोगों से आकर्षित हो रहे पालक

 जनसहभागिता से डिजीटल कक्षा और नित नये प्रयोगों में उच्च प्रशिक्षित शिक्षकों के सहयोग के कारण चंद्रपुर जिले की जिला परिषद की सरकारी शालाओं का स्तर बदल रहा है। यहां अंग्रेजी स्कुलों को छोड कर पालक अपने पाल्यों को सरकारी स्कुलों में दाखिला दिला रहे है। एज्युकेशन हब की ओर तेजी से कूंच कर रहे चंद्रपुर के लिए यह बात किसी गौरव से कम नहीं। आनेवाले समय में यहां प्रतिस्कूल एक डिजीटल कक्षा के एक कदम बढते हुए धुलिया की तर्ज पर शाला की प्रत्येक कक्षा डिजीटल करने का भी विचार चल रहा है। इससे स्वयंसंभ्रांत स्कुलों की अतिरिक्त शानो शौकत की उगाही पर अपने आप ही प्रतिबंध आने एवं स्पर्धा में उनका भी स्तर बढने की बात शिक्षा क्षेत्र के स्थानिय जानकार कह रहे है। बहरहाल इस ऊर्जावान बदलाव की बयार ने ग्रामदेहातों के पालकों की चिंता को मिटाने का बल निश्चीत रुप से दिया है।
Changing-classroom-architecturePimpalgaon-Zilla-Parishad-schoolTaluka-Korpana-Chandrapur-jpg

  बढने लगी छात्रों की संख्या 

 चंद्रपुर में जिला परिषद, महानगर पालिका एवं नगर परिषदों के माध्यम से चलाई जानेवाली सरकारी स्कुलों में छात्रों की संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले घटी नहीं है। ग्रामीण भागों में विकल्प ना होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों का आंकडा संतोषजनक है। वहीं करिब १० साल बाद फिर शाला छोडनेवाले और शाला से बाहर रहनेवाले छात्रों का सर्वे शुरु कर दिया गया। उन्हे भी शाला से जोडा गया है। चंद्रपुर जिला परिषद के शिक्षणाधिकारी आर.एन. गारकर ने बताया कि सरकार ने विविध योजना और उपक्रमों से आकर्षण बनाकर छात्रों को ही नहीं पालक-अभिभावकों को भी रिझाने में सफलता पायी है। चंद्रपुर जिले में यह काम बेहतरिन ढंग से होने का दावा भी उन्होने किया। शालाबाह्य छात्रों का सर्वे हो रहा है। अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून के तहत एक भी लडका या लडकी शाला से वंचित ना रहे इसके प्रयास किये जो सफल होते दिख रहे है।
band-of-girls-Zilla-Parishad-Higher-Primary-school-Tirvanja-Taluka-Bhadrawati-Chandrapur-1024x575

 ऐसी स्कुलें-ऐसे छात्र

 जिले मेंसरकारी स्कुलों की संख्या १६४१ इतनी है। सभी शालाओं को मिलाकर कुल १ लाख ६४ हजार ८१५ छात्र पिछले वर्ष दाखिल हुए थे। जिले की जिप और अन्य विविध स्कुलों में डेढ लाख से ज्यादा छात्र पढेंगे। जिप की स्कुलों में सर्वाधिक १ लाख १५ हजार १७३ छात्रों का समावेश था, जो इस वर्ष अपेक्षाकृत बढने की संभावना है। जबकि मनपा की स्कुलों में २११४, नप १६१९, अनुदानित स्कुलों में १४ हजार ५७८ छात्र, गैरअनुदानित स्कुलों में २९६९, स्थायी गैरअनुदानित में १७ हजार ७१३, स्वयं अर्थसहायित में १७०२ तो आश्रमशालाओं में ८९४७ छात्रों को ज्ञानार्जन का मौका मिल रहा था।

७ हजार से ज्यादा गुरुजी

 जिले में जिला परिषद और अन्य मिलाकर कुल ७ हजार ९११ अध्यापक है। इनमें अकेले जिप के ५८४२ शिक्षकों का समावेश है। मनपा के १२२, नप के ९०, निजि अनुदानित स्कुलों के ४६२, गैरअनुदानित स्कुलों के १३३, स्थायी गैर अनुदानित ७०६, स्वयंअर्थसहायित स्कुलों के १००, आश्रमशालाओं के ३९० शिक्षकों का समावेश है।
reccess-playtime-Navi-Berdi-Zilla-Parishad-Primary-school-Taluka-Rajura-Chandrapur

२२१ छात्र कॉन्व्हेंट छोड आए

 शिक्षणाधिकारी गारकर ने बताया कि पिछले वर्ष २२१ छात्र विविध संभ्रांत कॉन्व्हेंटों को छोड सरकारी स्कुलों में पढे थे। इस वर्ष भी यह आंकडा बढ सकता है। अंग्रेजी मिडियम की तरह ही जिप की शालाओं की रचना और पढाई, शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर तैयार करना, उनका सहयोग, नीत नये प्रयोग आदि कई कारणों से यह संभव हो रहा है। आनेवाले समय में शाला को पूरी तरह से अर्थात हर कक्षा डिजीटल कर रहीं सहीं कसर भी पूरी करने पर शिक्षा विभाग विचार कर रहा है। यदि ऐसा हुआ तो चंद्रपुर महाराष्ट्र का दूसरा ऐसा डिजीटल शाला का जिला होगा।

Related posts

What A Relief! It Was All Set, But The Age Old Hindu-Muslim Riot Still DIDN’T Happen

Rise For India

While We Are Fighting Over Aamir, A Common Man Doesn’t Even Know What Intolerance Is Because…

Rise For India

Deaths, Violence & Nightmares That Come Along With Elections In West Bengal

Rise For India

Leave a Comment